आख़िरी वक़्त है आख़िरी साँस है ज़िंदगी की है शाम आख़िरी आख़िरी

 आख़िरी वक़्त है आख़िरी साँस है ज़िंदगी की है शाम आख़िरी आख़िरी

शकील बदायुनी

आख़िरी वक़्त है आख़िरी साँस है ज़िंदगी की है शाम आख़िरी आख़िरी 

संग-दिल आ भी जा अब ख़ुदा के लिए लब पे है तेरा नाम आख़िरी आख़िरी 

कुछ तो आसान होगा अदम का सफ़र उन से कहना तुम्हें ढूँढती है नज़र 

नामा-बर तू ख़ुदारा न अब देर कर दे दे उन को पयाम आख़िरी आख़िरी 

तौबा करता हूँ कल से पियूँगा नहीं मय-कशी के सहारे जियूँगा नहीं 

मेरी तौबा से पहले मगर साक़िया सिर्फ़ दे एक जाम आख़िरी आख़िरी 

मुझ को यारों ने नहला के कफ़ना दिया दो घड़ी भी न बीती कि दफ़ना दिया 

कौन करता है ग़म टूटते ही ये दम कर दिया इंतिज़ाम आख़िरी आख़िरी 

जीते-जी क़द्र मेरी किसी ने न की ज़िंदगी भी मिरी बेवफ़ा हो गई 

दुनिया वालो मुबारक ये दुनिया तुम्हें कर चले हम सलाम आख़िरी आख़िरी 




https://www.youtube.com/watch?v=kdKOjXuX_qE

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